Not known Facts About hanuman chalisa
Not known Facts About hanuman chalisa
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भावार्थ – हे हनुमान जी ! यदि कोई मन, कर्म और वाणीद्वारा आपका (सच्चे हृदय से) ध्यान करे तो निश्चय ही आप उसे सारे संकटों से छुटकारा दिला देते हैं।
भावार्थ – भगवान् श्री रामचन्द्र जी के द्वार के रखवाले (द्वारपाल) आप ही हैं। आपकी आज्ञा के बिना उनके दरबार में किसी का प्रवेश नहीं हो सकता (अर्थात् भगवान् राम की कृपा और भक्ति प्राप्त करने के लिये आपकी कृपा बहुत आवश्यक है) ।
Owning cleansed the mirror of my brain with the pollen-dust of my Guru’s lotus toes, I recite the holy, unblemished glory of the greatest from the Raghu dynasty (Ram), the bestower of your four fruits of lifetime.
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Those who consider refuge in You, come across every one of the comforts and pleasure. When we have a protector like You, we do not ought to get scared of anyone or everything.
दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
manaManaMind / thought kramaKramaActions / deed vachanaVachanaWords dhyānaDhyānaMeditate / contemplate jo lāvaiJo lāvaiWho keeps / applies Meaning: Lord Hanuman releases from afflictions, sufferings and troubles for those who keep in mind/meditate him in thoughts, phrases and deeds.
kānanaKānanaEars KundalaKundalaEar kunchitaKunchitaCurly / extended KeshaKeshaHair That means: You might have golden colored body shining with fantastic-seeking apparel. You have got gorgeous ear-rings with long curly hair.
हर बाधाओं को दूर करने हेतु, तनाब मुक्त रहने के लिए, यात्रा प्रारंभ से पहले, बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, more info शनि के प्रकोप से बचने हेतु एवं मनोकामनाएं सिद्धि के लिए श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।
हनुमान चालीसा, लाभ, पढ़ने का सही समय, क्यों पढ़ें?
सत्संग के द्वारा ही ज्ञान, विवेक एवं शान्ति की प्राप्ति होती है। यहाँ श्री हनुमान जी सत्संग के प्रतीक हैं। अतः श्री हनुमान जी की आराधना से सब कुछ प्राप्त हो सकता है।
व्याख्या – भजन अथवा सेवा का परम फल है हरिभक्ति की प्राप्ति। यदि भक्त को पुनः जन्म लेना पड़ा तो अवध आदि तीर्थों में जन्म लेकर प्रभु का परम भक्त बन जाता है।
The Hanuman Chalisa can ideally be read through or recited in early mornings and evenings, precisely prior to or all through sunrise, and during or immediately after sunset. You may as well recite it in the course of your day-to-day commute to operate (like me) or ahead of about to slumber during the night time.